Tuesday, 11 September 2012

खूबसूरत इत्तेफाक

तुम क्या जानोगे क्यों भेजा है खुदा ने तुम्हे ,
यह क्या खूबसूरत इत्तेफाक है जिंदगी में,
लौटाना था वह सब जो खो गया था बीच राह ,
उस रास्ते की खोज में भेज दिया है कहीं ,

तुम्हे भेज दिया दिया बना के ,
चरागाहों में रौशनी फैला के ,
रौशनी लाये तुम अपने साथ ,
अँधेरा भाग गया अपने आप,
जुगनू आये तुम्हारे साथ ,
भर गया मेरा संसार ,
कौन मानेगा तुम हो पैगम्बर ,
आँखें चाहिए देखने के लिए ,
एक दिल चाहिए समझने के लिए !
                      
तुम्हे राज़दार बना लूं यही दिल था मेरा ,
पर बहुत दूर आशियाँ है तेरा ,
तुम्हे भेजा है खुदा ने मेरी पनाहों में ,
वह चेहरे का नूर , वह साफ़ दिल मुस्कुराहट तुम्हारी ,
तुम ही तो हो जो दुनिया में बिखेर सकते हो हँसी ,
तुम जगा दो हिम्मत बिन बोले तो ,
मरता भी चला आये मौत छोड़कर !

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