Sunday 30 September 2012

इन्तज़ार

मेरे खुदा तेरी रहगुज़र पर देर है अंधेर नहीं ,
फिर क्यों मेरा गुलिस्तान इस क़दर सूखा है, 
तेरी बगिया में हैं बहुत भंवरे ,
फिर मेरा चमन क्यों उदास है ,
तू जानता है तेरी आरजू है मुझे ,
पर तुझ तक पहुँचने की रहगुज़र कहाँ है ,
बता मेरे मालिक तेरे दर तक पहुँचने की राह कहाँ है  I 

तू जानता है की हमें किसकी तलाश है ,
क्यों शामों को महफ़िल उदास है ,
मेरे दिल के कोने में किसकी प्यास है ,
भेज दो अपने नामवर को जो दे दे उसका पता ,
जिसकी हमें बरसों से तलाश है I 

                  

यूँ ही वक़्त गुज़रता जायेगा ,
ज़माना आगे निकल जाएगा ,
मेरी किश्ती है भंवर में ,
उसे कौन पार लगाएगा I 

इस दुनिया में इतनी बुराई है ,
पर मैंने किसकी सजा पायी है ,
हैं मेरे कर्म या फिर ,
कोयले से लिखी तकदीर पायी है I 


Saturday 22 September 2012

तन्हाई

ठण्डी हवा बह रही है ,जुगनू अपना गीत गा रहे हैं ,
पर इस तन्हाई के आलम में भी तेरी याद नहीं जाती ,
तू नहीं  भी है पर फिर भी तेरी आवाज़ नहीं जाती ,
इन खूबसूरत आँखों से तुझे देखने की प्यास नहीं जाती I 

दिल यह कहता है कि तू आ जाए मेरे पीछे से कहीं ,
और खुदाया इस रात सी ठंडक दिल में भर जाए कहीं से ,
हम बैठे हों एक दूसरे की बाहों में रात भर ,
और ठंडी पवन के चलते सुबह न आये कभी I 

यह तो ख्वाब है मेरा सजना , जो बसा है आँखों में मेरी 
ख्वाब तो आइने से भी झूठे हैं सजना ,
तू मेरी आँखों में सही पर मैं तेरे दिल में नहीं ,
जब तेरा दिल नहीं मेरा तो फिर क्यों चाहत है तेरी I  

Tuesday 11 September 2012

खूबसूरत इत्तेफाक

तुम क्या जानोगे क्यों भेजा है खुदा ने तुम्हे ,
यह क्या खूबसूरत इत्तेफाक है जिंदगी में,
लौटाना था वह सब जो खो गया था बीच राह ,
उस रास्ते की खोज में भेज दिया है कहीं ,

तुम्हे भेज दिया दिया बना के ,
चरागाहों में रौशनी फैला के ,
रौशनी लाये तुम अपने साथ ,
अँधेरा भाग गया अपने आप,
जुगनू आये तुम्हारे साथ ,
भर गया मेरा संसार ,
कौन मानेगा तुम हो पैगम्बर ,
आँखें चाहिए देखने के लिए ,
एक दिल चाहिए समझने के लिए !
                      
तुम्हे राज़दार बना लूं यही दिल था मेरा ,
पर बहुत दूर आशियाँ है तेरा ,
तुम्हे भेजा है खुदा ने मेरी पनाहों में ,
वह चेहरे का नूर , वह साफ़ दिल मुस्कुराहट तुम्हारी ,
तुम ही तो हो जो दुनिया में बिखेर सकते हो हँसी ,
तुम जगा दो हिम्मत बिन बोले तो ,
मरता भी चला आये मौत छोड़कर !

YOUR LAUGHTER

In your laughter lies the melodious music for my ears,
Every little laugh coming straight from your heart,
Your laugh symbolizing the chirp of birds,
You have the wings that make you fly so high,
Your voice so soothing, 
It throws my pain in the mantle of the Earth,
So that it does not come back,
But every time we misunderstand,
The tensions fly back as fast as a falcon,
The reason why I speak less, listen to you more,
I love looking at you, I love your voice,

                                
The excruciating stress you go through,
Don't think that it does not penetrate me,
The beauty of a relationship lies,
in the silent comprehension of those we love.

Thursday 6 September 2012

कहीं आज भी है

तेरी खुशबू इन हवाओं में कहीं आज भी है ,
तेरी कमी इस मौसम में कहीं आज भी है,
तेरी आवाज़ की कशिश मेरे कानों में कहीं आज भी है ,
तेरी सूरत को देखने की ख्वाहिश ,
                      मेरी इन आँखों में आज भी है ,
तेरे लिए दुआएं इन होठों पर कहीं आज भी हैं ,
इस शहर की मिटटी में तेरी याद कहीं आज भी है,
पर गिला क्या करना,
तेरी बेवाफाएं जग में मशहूर आज भी हैं ,
                           

तुझे देखने की बेबसी की याद आज भी है,
इन आँखों में इंतजार आज भी है ,
तुम मेरे लायक न सही ,पर किसी के लायक तो आज भी हो ,
तेरी याद में तनहा यह दिल आज भी है ,
मौसम तब भी सही न था और न सही आज है ,
इन आँखों से दरिया बहता हुआ आज भी है ,
वोह नमक आंसुओं में आज भी है,
वोह तड़प दिल में आज भी है,
तुझे न पाने की ख्वाहिश आज भी है,
न तू मेरा था और न है,
तू सबका था और तू सबका आज भी है।

Sunday 2 September 2012

LOVE AT FIRST SIGHT

The splendid experience of seeing you before my eyes for the first time,
When imagination ran into reality, a circle completed that moment,
Your blushing face and those watchful eyes,
Concentrated on others than on me,
Once more I want to touch the wall where you stood leaning,
You left so much undone, the haste in your heart

You had paucity of time,
The fear hovering over your head all the time,
The memories of that day,leave me mesmerized everyday,
Our hearts spoke more than our lips,
You and I astound, two souls so deep and close,
But you don't feel the need to love,
You are fresh and chaste as the morning dew,
Which surrenders the Earth its cool.