Saturday, 22 September 2012

तन्हाई

ठण्डी हवा बह रही है ,जुगनू अपना गीत गा रहे हैं ,
पर इस तन्हाई के आलम में भी तेरी याद नहीं जाती ,
तू नहीं  भी है पर फिर भी तेरी आवाज़ नहीं जाती ,
इन खूबसूरत आँखों से तुझे देखने की प्यास नहीं जाती I 

दिल यह कहता है कि तू आ जाए मेरे पीछे से कहीं ,
और खुदाया इस रात सी ठंडक दिल में भर जाए कहीं से ,
हम बैठे हों एक दूसरे की बाहों में रात भर ,
और ठंडी पवन के चलते सुबह न आये कभी I 

यह तो ख्वाब है मेरा सजना , जो बसा है आँखों में मेरी 
ख्वाब तो आइने से भी झूठे हैं सजना ,
तू मेरी आँखों में सही पर मैं तेरे दिल में नहीं ,
जब तेरा दिल नहीं मेरा तो फिर क्यों चाहत है तेरी I  

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